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महाराष्ट्र जलगांव जिले में आरटीओ और बिक्री कर विभाग की निष्क्रियता पर सवाल? जलगांव आरटीओ में फिर बड़ा फर्जीवाड़ा नकली रसीदों का बड़ा रैकेट उजागर कमांल है है यह आज का भारत है? या नया भारत है? बिना हेलमेट जुर्माना 1000/नो पार्किंग करना जुर्माना 3000/इंश्योरेंस नहीं है जुर्माना 10000/no entry वाहन चलाना जुर्माना 5000 मोबाइल फोन पर बात करना जुर्माना 2000/प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है जुर्माना 1100/ट्रिपल सीट ड्राइविंग जुर्माना 2000 खराब सिग्नल कोई जिम्मेदारी नहीं


खबर जलगांव Jilla RTO की बार-बार घोटाले सामने आ रहे हैं हम बार-बार जनता को खबर दे रहे अब तो नकली रसीदों का राकेट उजागर वाहनों की नकली व्यवसायिक कर रसीदों के जरिए सरकार के साथ करोड़ों की ठगी का एक सनसनी मामला सामने आ गया मुकदमा दर्ज होने पर एक नए प्रकरण में आखिर यह नकली रसीदों का धंधा कौन चला रहा था? और आरटीओ के साथ बिक्री कर विभाग ने आंखों को बंद करके बैठे थे? इससे पहले आरटीओ अधिकारी जलगांव में थे उन्होंने आंख बंद कर रखी थी यह सवाल जनता पूछ रही है आरटीओ अधिकारी चंद्रशेखर इंगले ने एक बड़े फर्जीवाड़ का खुलासा किया 23 अप्रैल को सुल्तान बेग़ Nazeer beg Mirza (निवासी उस्मानिया पार्क जलगांव) ने शाकिब राहत शेख (पाचोरा निवासी जरगांव चौफुली) उनके स्वामित्व वाहन क्रमांक MH 18 BA 0221 का राष्ट्रीय परमिट रद्द करने के लिए बनावट व्यवसाय कर के लिए बनावट व्यवहार कर रशीद के साथ दस्तावेज प्रस्तुत किए थे जांच में पाया गया 2023_24 और 2024_25 की रसीद फर्जी थी विक्रीकर कार्यालय ने साफ कह दिया कि इंन रसीदों के आधार पर कोई कर भुगतान नहीं हुआ था इसके बाद सुल्तान बेग़ और शकील शेख के खिलाफ जलगांव की रामानंद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है ना कमाल// खराब सिग्नल कोई जिम्मेदार नहीं है सड़क पर गड्ढ़े कोई जिम्मेदार नहीं है!अतिक्रमित फुटपाथ कोई जिम्मेदार नहीं है!सड़क पर रोशनी नहीं कोई जिम्मेदार नहीं है!सड़क पर कचरा बह रहा है कोई जिम्मेदार नहीं है!सड़कों पर लाइट के खंभे नहीं कोई जिम्मेदार नहीं है खुदी सड़क कोई मरम्मत नहीं कोई जिम्मेदार नहीं है!गड्ढों में गिर कर आप गिरो चोटिल हो जाएँ कोई जिम्मेदार नही है!आवारा गायें जानवर टकरा जाए कुत्ता काट ले कोई जिम्मेदार नहीं!ऐसा लगता है कि जनता ही एकमात्र अपराधी है और जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है।प्रशासन निगम और सरकार कोई जिम्मेदार नहीं है।उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होते हैं।वे किसी भी चूक के लिए कभी ज़िम्मेदार नहीं हैं।क्या उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए ?नागरिक केवल काम करेंगे दर्द का सामना करेंगे.कर चुकाना होगा.जुर्माने का भुगतान करेगा.सरकार की जेब भरें.और उन्हें फिर से सत्ता में वोट दें और जिंदगी भर पेंशन भी दें आप लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकी यह बात उन्हें भी पता चलनी चाहिए जिन्होंने यह नियम बनाया है।


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