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क्या देश बचेगा? सैटेलाइट इंटरनेट मस्क की कंपनी भारत मे एंट्री पर बड़ी चिंताओ के जवाब जरुरी स्टारलिंग company सीमा से स्पेस तक जोखिम या सूचना लिक का खतरा बना रहेगा? विदेशी सेटेलाइट पर निर्भरता से शटडाउन का खतरा रहेगा हमारा data America mein save hoga भारतीय डेटा कहा स्टोर होगा उसकी प्रोसेसिंग कैसी होगी एक ek Anjan प्रधानमंत्री देश मे ऐसा कर सकता है? चीन ने स्टर्लिंग की सेवा नहीं ली वह खुद का सैटेलाइट लॉन्च करेगा


क्या देश बचेगा? ईस्ट इंडिया कंपनी अंबानी अडानी के भेष में देश को गुलाम बनाने आई है और उसका साथ वही लोग दे रहे हैं जिनके पुरखे अंग्रेजों के लिए मुखबिरी कर पेंशन पाया करते star link कंपनी का भारत आना उचित है सीमा से स्पेस तक जोखिम सैन्य सूचना लिक का खतरा बना रहेगा देश में सैटलाइट कम्युनिकेशन के लिए अमेरिका कारोबारी ईलॉन मस्क के कंपनी को स्टर्लिंग एंट्री देने के लिए दो दिगज कंपनी company एयरटेल और रिलायंस जिओ ने वितरण करार किया है इसमें भारत के मोबाइल कम्युनिकेशन क्रांति के दावे किए जा रहे हैं हालांकि ऐसे कम्युनिकेशन के लिए अमेरिका कंपनी पर निर्भरता से चलने पर राष्ट्रीय और सामाजिक सुरक्षा संप्रभुता से जुड़ी चिंता सामने आ रही है पाकिस्तान से लगी niyantran Rekha और चीन से लगी LAC पर सैटेलाइट का नियंत्रण पता कैसा चलेगा अगर अनियंत्रित aniyantrit सूचना मिल गई तो दुश्मन यह विद्रोही तत्वों द्वारा इसका फायदा जरूर उठाने में सक्षम होगा ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी पुक्त! इंतजाम करने की जरूरत है दूसरी चिंता data की सुरक्षा की भी है सैटेलाइट के जरीए बातचीत ka pura data इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर America company ke pass hoga ऐसे मे संवेदनशील जानकारी देश को नहीं मिल सकती Dushman भारत देश पर हावी हो जाएंगे सूत्रों के मुताबिक मस्क के कंपनी ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम अधिकार 20 साल के लिए मांग रही है लेकिन सरकार ने 5 साल के लिए देने की योजना बना ली है केंद्रीय सूचना मंत्री और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को सोशल मीडिया की पोस्ट डिलीट कर दी उन्होंने लिखा था स्टार लिंक कंपनी का भारत में स्वागत videshi कंपनी है स्टर्लिंग अमेरिका के कानून से बंधी है कंपनी की खुफिया एजेंसी भारतीय डाटा एक्सपोज करेगी इसे रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने होंगे डेटा एक्सपोज विदेशी गुप्तचर संस्थाये संवेदनशील सरकारी या सैन्य कम्युनिकेशन इंटरसेक्ट कर सकती यांनी हमारे देश का डेटा अमेरिका से बचाने के लिए अमेरिका क्रिस्टोग्राफी पर निर्भर करेंगे हमारे देश मे सब बेचने के लिए हमारी सरकार अग्रेसर हो रही है संवेदनशील ढाचे पर खतरा मंडरा रहा है विदेशी उपग्रहों पर निर्भरता से जिओ पॉलिटेक्निकल तनाव की स्थिति हमले या शटडाउन का खतरा रहेगा हमारा देश आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है हमारे देश के प्रधानमंत्री देश के साथ क्या कर रहे हैं इसका नतीजा अब सामने आ गया कारगिल संघर्ष के समय अमेरिका ने हमें जीपीएस नहीं दिया था ऐसी स्थिति अमेरिका कर सकती है? पेटांगन की पेट मस्क की स्पेस एक्स का अमेरिकी सैन्य का प्रतिष्ठान से अनुबंध है इसका मतलब स्टारलिंक का भारतीय हीतो के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है? डेटा संपर्क संप्रभुता स्टरलिंक ग्लोबल नेटवर्क के साथ यह चिंता भी है भारतीय बेटा कहां स्टोर होगा uski processing kaisi hogi और उसे कौन एक्सपोज करेगा ऐसे खतरनाक मामले में हमारे देश के प्रधानमंत्री निर्णायक भूमिका ले सकते हैं देश हित के लिए?


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