नेता से बढ़कर कौन …नेता ही बनुंगा,छोटे से बच्चे के मुख से नेता बनने की सच्चाई आप भी हैरान हो जाएंगे छोटे-छोटे बच्चों जैसे खेल दिखाकर जनता को प्रभावित करते हैं भारत का संविधान सिर्फ शासन चलने का दस्ताऐवज नही है बल्कि यह नागरिकों को जीवन जीने की मूल दिशा और मूल्य भी सीखना है लेकिन हमारे नेताओं ने पक्ष बदलकर खुद को बेच दिया है बार-बार वही चुनकर आते हैं इसलिए लोकतंत्र में साधारण भारतीय नागरिक चुनकर नहीं आते बार-बार वही चुनकर आने से लोकतंत्र की कर्तव्य भावना समाप्त कर दी इसलिए देश में भ्रष्टाचार बलात्कार होकर भी कार्यवाही नहीं हो रही है

क्या भारत देश संविधान के तहत चल रहा है? Congress aur Bhajpa दोनों पक्ष के मंत्रियों कि स्विस बैंक मैं करोड़ की भ्रष्टाचारियों की देशवासियों की दौलत जमा करके रखी है? चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस भारत के देशवासियों के सामने भाषण देते हैं हम स्विस बैंक का काला पैसा देश में लेकर आएंगे झूठे आश्वासन देकर भारत के जनता को उल्लू बनाते हैं/इससे देश खोखला हो गया/ भारत का संविधान की मुख्य शिक्षाएँ इस प्रकार हैं समानता (Equality) सभी नागरिक कानून के सामने बराबर हैं।किसी भी आधार पर भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। स्वतंत्रता (Liberty)विचार अभिव्यक्ति धर्म आस्था शिक्षा पेशा चुनने की स्वतंत्रता देता है।न्याय (Justice)सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का मार्ग दिखाता है।बंधुता (Fraternity)नागरिकों के बीच भाईचारे और एकता की भावना विकसित करने पर बल देता है।लोकतंत्र (Democracy) नागरिकों को शासन में भागीदारी और प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार सिखाता है।धर्मनिरपेक्षता (Secularism)सभी धर्मों का समान सम्मान करना और धर्म को निजी आस्था मानना सिखाता है। (FundamentalDuties)संविधान केवल अधिकार नहीं बल्कि राष्ट्र और समाज के प्रति कर्तव्य निभाने की सीख भी देता है।भारत का संविधान नागरिकों को यह सिखाता है कि वे समानता स्वतंत्रता न्याय और भाईचारे की भावना से लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ, एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनकर देश के निर्माण में भाग लें।







