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भाजपा सरकार मोदी राज में भ्रष्टाचार की स्थिति समझने के लिए ये दो खबरें देखें पुलिस कल्याण कोष के 20 करोड़ बीजेपी के चुनावी चंदे में और उनके मंत्री संत्री दूसरों आरोप करते हैं खुद भ्रष्टाचारी है और दूसरे का नाम लेते हैं मोदी सरकार में भ्रष्टाचार पर बढ़ती चुप्पी न खुलासे न जवाब देही !मंत्रियों पर भ्रष्टाचार, लेकिन PMO ने कहा- “जानकारी नहीं देंगे प्रधानमंत्री


भाजपा सरकार मोदी राज में भ्रष्टाचार की स्थिति समझने के लिए ये दो खबरें देखें पुलिस कल्याण कोष के 20 करोड़ बीजेपी के चुनावी चंदे में और उनके मंत्री संत्री दूसरों पर आप करते हैं खुद भ्रष्टाचारी है और दूसरे का नाम लेते हैं मोदी सरकार में भ्रष्टाचार पर बढ़ती चुप्पी न खुलासे न जवाब देही !मंत्रियों पर भ्रष्टाचार, लेकिन PMO ने कहा- “जानकारी नहीं देंगे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने केंद्रीय मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से जुड़ी RTI पर जानकारी देने से इनकार कर दिया है। पीएमओ का तर्क है कि ऐसी जानकारी जुटाना कठिन है और इससे जाँच प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। ये तब सामने आया जब एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोयला और खान मंत्री हरिभाई चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए पुलिस कल्याण कोष के ₹20 करोड़ BJP को चुनावी चंदे में !खुलासा : रिटायर्ड पुलिस कर्मी ने सीबीआइ को इ-मेल में बताया अस्थाना ने पुलिस कल्याण कोष के 20 करोड़ भाजपा को चुनावी चंदे में दिए थे वडोदरा. सीबीआइ के दो अफसरों के बीच सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक छिड़ी जंग के बीच विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। खबरों के अनुसार सूरत में पुलिस कमिश्नर रहते हुए अस्थाना ने पुलिस वेलफेयर फंड के 20 करोड़ रुपए भाजपा के चुनावी फंड में दिए थे सूरत के एक सेवानिवृत्त पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने 23 अक्टूबर को सीबीआइ को किए चौंकाने वाले इ मेल में इसका खुलासा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इ-मेल में कहा गया है कि इस रकम को वापस नहीं लौटाया गया। मामले में आयकर विभाग ने टीडीएस भुगतान का भी नोटिस दिया था। इसके बाद कार्यालय से पुलिस कल्याण कोष के कागजात गुम हो गए। इसकी सूचना सूरत क्राइम ब्रांच और ऑडिट विभाग को भी दी गई थी। वडोदरा के आरटीआइ कार्यकर्ता सोहेल शेख ने इस संबंध में वर्ष 2015 में आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी थी, पर उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई संयुक्त निदेशक का बेटा चार फर्जी कंपनियों में निदेशक नई दिल्ली @ पत्रिका. सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा के बच्चों का नाम भी घपलेबाजी में सामने आ रहा है। अंग्रेज अखबार इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल के अनुसार अरुण शर्मा का बेटी अरजिता शर्मा एक और बेटा कुशाग्र शर्मा चार फर्जी (शैल) कंपनियों में निदेशक हैं। ये कंपनियां एक बिचौलिया और उस केटरर से जुड़ी हैं जिन पर अस्थाना की बेटी के विवाह समारोह को लेकर सीबीआइ का छापा पड़ा था खबरों के अनुसार सूरत में पुलिस कमिश्नर रहते हुए अस्थाना ने पुलिस वेलफेयर फंड के 20 करोड़ रुपए भाजपा के चुनावी फंड में दिए थे सूरत के एक सेवानिवृत्त पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने 23 अक्टूबर को सीबीआइ को किए चौंकाने वाले इ मेल में इसका खुलासा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इ-मेल में कहा गया है कि इस रकम को वापस नहीं लौटाया गया। मामले में आयकर विभाग ने टीडीएस भुगतान का भी नोटिस दिया था। इसके बाद कार्यालय से पुलिस कल्याण कोष के कागजात गुम हो गए। इसकी सूचना सूरत क्राइम ब्रांच और ऑडिट विभाग को भी दी गई थी। वडोदरा के आरटीआइ कार्यकर्ता सोहेल शेख ने इस संबंध में वर्ष 2015 में आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी थी पर उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई शर्मा के बच्चों का नाम भी घपलेबाजी में सामने आ रहा है। अंग्रेज अखबार इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल के अनुसार अरुण शर्मा का बेटी अरजिता शर्मा एक और बेटा कुशाग्र शर्मा चार फर्जी (शैल) कंपनियों में निदेशक हैं। ये कंपनियां एक बिचौलिया और उस केटरर से जुड़ी है जिन पर अस्थाना की बेटी के विवाह समारोह को लेकर सीबीआइ का छापा पड़ा था। पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस वेलफेयर फंड से 20 करोड़ रुपये बीजेपी को चुनावी चंदे के रूप में दिए। साथ ही उनके बेटे पर फर्जी कंपनियों में निदेशक होने का भी खुलासा हुआ है। इस मामले की जांच आयकर विभाग और सीबीआई द्वारा की जा रही है।निष्कर्षःजहाँ एक ओर जनता जवाब चाहती है वहीं दूसरी ओर सरकार की चुप्पी और आरोपों की गंभीरता लोकतंत्र की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रही है।


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