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पेट्रोल में 20% ethenol ब्लेंड करके आपको बेचा जा रहा है । एथेनाल चीनी मिलों का बाईप्रोडक्ट है और पेट्रोल कंपनियों को करीब कीस रुपये लीटर मिलता है सरकार को इससे ज़बरदस्त फ़ायदा हुआ है लेकिन उपभोक्ता को बहुत से नुक़सान झेलने हैं पेट्रोल में 20% एथेनॉल ब्लेंड (E20) का उपयोग वाहन प्रणालियों में कई समस्याएं पैदा कर सकता है खासकर उन वाहनों में जो उच्च एथेनॉल सामग्री के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। संभावित समस्याओं का एक संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है ईंधन प्रणाली में जंग एथेनॉल हाइग्रोस्कोपिक है जिसका अर्थ है कि यह पानी को अवशोषित करता है जिससे ईंधन टैंक लाइनों और इंजेक्टर जैसे धातु घटकों में जंग लग सकती है, खासकर पुराने वाहनों में जो एथेनॉल-प्रतिरोधी सामग्री से नहीं बने हैं।सील और गैसकेट की खराबी एथेनॉल पुराने ईंधन प्रणालियों में रबर और प्लास्टिक सील गैसकेट और होसेस को खराब कर सकता है, जिससे रिसाव या ईंधन पंप की विफलता हो सकती है।इंजन प्रदर्शन समस्याएं कम ईंधन दक्षता एथेनॉल में पेट्रोल की तुलना में कम ऊर्जा सामग्री होती है जिससे माइलेज कम हो सकता है। ठंड में स्टार्ट होने में समस्या E20 ठंड की स्थिति में एथेनॉल के कम वाष्पशीलता के कारण स्टार्ट होने में कठिनाई पैदा कर सकता है। मिसफायरिंग या हिचकिचाहट E20 के लिए कैलिब्रेटेड नहीं किए गए इंजन अनुचित दहन का अनुभव कर सकते हैं जिससे रफ आइडलिंग या त्वरण समस्याएं हो सकती हैं।
स्नेहन समस्याएं एथेनॉल ईंधन की स्नेहकता को कम कर सकता है जिससे ईंधन पंपों और इंजेक्टरों पर अधिक घिसाव हो सकता है। चरण पृथक्करण यदि ईंधन प्रणाली में पानी प्रवेश करता है तो एथेनॉल पेट्रोल से अलग हो सकता है, जिससे एक पानी-एथेनॉल परत बन सकती है जो इंजन को रोक सकती है या नुकसान पहुंचा सकती है। कार्बोरेटर समस्याएं पुराने वाहनों में कार्बोरेटर के साथ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि जेट क्लॉगिंग या अनियमित ईंधन वितरण अनुकूलता समस्याएं गैर-फ्लेक्स-ईंधन वाहन (E20 के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए) इंजन घटकों ईंधन लाइनों या सेंसर को दीर्घकालिक नुकसान का अनुभव कर सकते हैं।एक तरफ वाहन मालिकों के लिए सरकार इस नीति से नई समस्याएं और नये खर्चे बढ़ा रही है वहीं इतना भी नहीं कर रही कि एथेनाल ब्लेंड करने से जो फ़ायदा उसे हो रहा है उसका कुछ अंश पेट्रोल कीमतें कम करके जनता तक पहुँचा दे ।
✍️Sheetal P Singh (वरिष्ठ पत्रकार )



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